Kahaniya In Hindi With Moral | बुरे समय से इस तरह लड़े
दोस्तों बुरा समय हर इंसान की जिंदगी में आता है। ऐसे समय में कुछ लोग कमजोर पड़ जाते है। कुछ लोग कठोर हो जाते है। साथ ही साथ कुछ ऐसे लोग भी होते है। जो बुरे समय में भी अवसरों को ढूँढ़कर बुरे समय से बाहर निकल आते है। इसी बात को अच्छे तरीके से समझाने के लिए मैं आपको एक कहानी सुनाता हूँ। Kahaniya in Hindi with Moral | बुरे समय से इस तरह लड़े
एक बार की बात है। एक अध्यापक कक्षा में आये। सभी बच्चे कुछ उदास लग रहे थे। अध्यापक ने सभी से कारण पूछा, बच्चे बोले – सर हमारा बुरा समय चल रहा है। हमारे ऊपर बहुत ही दबाव है। यह सुनकर वह अध्यापक हँसने लगा। उसने सभी बच्चो से कहा – तुम कुछ देर के लिए शांत रहना। मैं अभी आता हूँ
कुछ ही देर बाद अध्यापक कक्षा में आया। उसके हाथ में एक थैला, एक तीन बर्नर वाला स्टोव और तीन बर्तन थे। अध्यापक ने सभी को अपने पास आने को कहा। इसके बाद उन्होंने स्टोव को चलाया और तीनो बर्तन रख दिए। सभी में बराबर – बराबर पानी डाला गया।
इसके बाद अध्यापक ने थैले में से एक आलू निकालकर पहले बर्तन में दाल दिया। दूसरे बर्तन में उन्होंने एक अंडा डाला और तीसरे बर्तन में उन्होंने कॉफ़ी डाल दी।
जब पानी पूरी तरह से उबलने लगा तो उस अध्यापक ने स्टोव बंद कर दिया। अध्यापक ने एक बच्चे को बुलाया और पहले बर्तन से आलू निकालने को कहा। आलू निकालने के बाद वह बोला – सर आलू पहले तो कठोर था लेकिन उबलने के बाद नर्म हो गया है।
अब उस अध्यापक ने दूसरे बर्तन से अंडा निकालने को कहा, वह बच्चा बोला – सर अंडा उबलने के बाद कठोर हो गया है। अब अध्यापक ने बच्चो से उस बर्तन को देखने को कहा, जिसमे कॉफ़ी डाली हुई थी। उस बर्तन में से बहुत ही अच्छी सुगंध आ रही थी।
इसके बाद अध्यापक ने बच्चो को समझाया। इन तीनो चीजों को एक ही तकलीफ से होकर गुजरना पड़ा। तीनो को एक ही समान पानी में, एक ही समान आँच पर उबाला गया। इसके बाद भी हर एक ने अलग – अलग तरिके से रियेक्ट किया।
आलू पहले से ठोस था लेकिन पानी में उबलने के कारण वह नरम हो गया यानी की कमजोर पड़ गया। अंडा पहले ऊपर से तो सख्त था लेकिन अंदर से नरम था। मुशीबत आने पर वह झेल गया लेकिन अंदर से बदल गया। काफी ने सामने आयी मुशीबत का डट कर सामना किया और उसे अपनी सुगंध में बदल दिया।
दोस्तों इस कहानी से मैं आपको यह समझाना चाहता हूँ की बुरे समय में कुछ लोग कमजोर पड़ जाते है। कुछ लोग उनका सामना तो कर लेते है लेकिन अंदर से कठोर बन जाते है। कुछ लोग ऐसे भी होते है जो अवसरों को पहचानकर सभी के साथ घुल मिल जाते है और अपनी सकारात्मक सोच की सुगंध चारों तरफ फैला देते है
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