Story With Moral On Success Mantra Of Life (Key to Success कभी भी किसी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। फिर चाहे वह अपने से छोटा हो या बड़ा By Devratn Agrawal
एक बार जंगल में एक बहुत बड़े गड्ढे में एक शेर गिर गया। परेशान होकर शेर इधर उधर देखने लगा लेकिन उसे बहार निकलने का कोई भी रास्ता समझ नहीं आया। तभी उसकी नजर एक पेड़ पर बैठे बन्दर पर पड़ी।
जो शेर को देख रहा था। शेर ने उसे बचने की गुहार लगाई लेकिन बन्दर उसे गड्ढे में फसा देख उसका मजाक उड़ाने लगा, क्यों बे शेर – अब कैसे रही। तू तो बड़ा राजा बना फिरता है, अब आई अकाल ठिकाने पर ? अब शिकारी तुझे मारेंगें, तेरी खेल निकल कर दिवार पर सजाएंगे।
जोर जोर से चिल्लाने लगा देखो भी देखो …….राजा जी अब शोपीस बनेंगे। तभी अचानक जिस डाल पर बन्दर बैठा था वह टूट गई और बन्दर सीधे शेर के सामने आ गिरा। गिरते ही वह शेर से बोला – माँ कसम दादा , माफ़ी मांगने के लिए कूदा हूँ।
भाग्य, तक़दीर, मुकद्दर, संयोग,
ये सभी शब्द तो आपने सुने होंगे। इसिलए कभी भी किसी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। फिर चाहे वह अपने से छोटा हो या बड़ा , गरीब हो या आमिर क्योकि ये भाग्य, तक़दीर, मुकद्दर या संयोग, जैसे शब्दों का वजूद है और हमेशा रहेगा, आप इन्हे नकार नहीं सकते।
जितना हो सके मदद करने में यकीं करे न की मजाक उड़ाने में…भगवान न करे लेकिन जब वह मजाक उड़ाता है तो वाकई इंसान बन्दर की तरह माफ़ी मांगने के लायक भी नहीं रहता।
एक बार जंगल में एक बहुत बड़े गड्ढे में एक शेर गिर गया। परेशान होकर शेर इधर उधर देखने लगा लेकिन उसे बहार निकलने का कोई भी रास्ता समझ नहीं आया। तभी उसकी नजर एक पेड़ पर बैठे बन्दर पर पड़ी।
जो शेर को देख रहा था। शेर ने उसे बचने की गुहार लगाई लेकिन बन्दर उसे गड्ढे में फसा देख उसका मजाक उड़ाने लगा, क्यों बे शेर – अब कैसे रही। तू तो बड़ा राजा बना फिरता है, अब आई अकाल ठिकाने पर ? अब शिकारी तुझे मारेंगें, तेरी खेल निकल कर दिवार पर सजाएंगे।
जोर जोर से चिल्लाने लगा देखो भी देखो …….राजा जी अब शोपीस बनेंगे। तभी अचानक जिस डाल पर बन्दर बैठा था वह टूट गई और बन्दर सीधे शेर के सामने आ गिरा। गिरते ही वह शेर से बोला – माँ कसम दादा , माफ़ी मांगने के लिए कूदा हूँ।
भाग्य, तक़दीर, मुकद्दर, संयोग,
ये सभी शब्द तो आपने सुने होंगे। इसिलए कभी भी किसी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। फिर चाहे वह अपने से छोटा हो या बड़ा , गरीब हो या आमिर क्योकि ये भाग्य, तक़दीर, मुकद्दर या संयोग, जैसे शब्दों का वजूद है और हमेशा रहेगा, आप इन्हे नकार नहीं सकते।
जितना हो सके मदद करने में यकीं करे न की मजाक उड़ाने में…भगवान न करे लेकिन जब वह मजाक उड़ाता है तो वाकई इंसान बन्दर की तरह माफ़ी मांगने के लायक भी नहीं रहता।
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