अंधी जवानी और लंगड़ा बुढ़ापा L Student Hindi Motivational Story
नमस्कार दोस्तों, मुझे उम्मीद है कि आप सभी अच्छे होंगे। दोस्तों अगर आप अपने जीवन को सुख और शांति के साथ बिताना चाहते है तो आपको किसी बड़े के अनुभव की जरुरत होगी। क्योकि बिना किसी अनुभव के जवानी के जोश में इंसान अंधा हो जाता है। जिसके कारण वह ऐसे कुछ गलत फैसले ले लेता है। जो उसे बुढ़ापे में दुःख देते है। किसी का अनुभव आपको किस प्रकार सुख और शांति दे सकता है। ये बात समझाने के लिए मैं आपको एक Motivational Story सुनाता हूँ। अंधी जवानी और लंगड़ा बुढ़ापा l Student Hindi Motivational Story
एक बार की बात है। एक गाँव में सभी लोग सुख और शांति से रह रहे थे। एक दिन अचानक उस गाँव में आग लग गयी। सभी लोग अपनी जान बचाने के लिए वहाँ से भाग गये। लेकिन एक अंधा और लंगड़ा उस आग में फस गया। क्योकि अंधा देख नहीं सकता था और लंगड़ा भाग नहीं सकता था।
वे दोनों अपने अच्छे और बुरे समय को याद करके सोच रहे थे की अब उनके मरने का समय आ गया है। तभी लंगड़े ने अंधे से कहा – तुम मुझे अपने कंधे पर बैठा लो। आँख मेरी और पाँव तुम्हारे। दोनों आग से बच जायेगें। अंधे ने लंगड़े को अपने कंधे पर बैठा लिया और दोनों बच गये।
दोस्तों इस Motivational Story से मैं आपको ये समझाना चाहता हूँ की आज इस दुनिया में चारों तरफ आग लगी हुई है। अगर आप लोगों को इस आग से बचना है तो एक ही रास्ता है। अंधा लंगड़े को अपने कंधे पर बैठा ले। यहाँ अंधे का मतलब जवानी और लंगड़े का मतलब बुढ़ापे से है।
अगर आज अंधी जवानी लंगड़े बुढ़ापे को अपने कंधे पर बैठा ले। चरण हो युवक के और अनुभव की आँख हो वृद्ध की। अगर ऐसा हुआ तो आज भी समाज इस अशांति की आग से बच सकता है। अंधी जवानी और लंगड़ा बुढ़ापा l Student Hindi Motivational Story
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