Some Motivational Stories कानों सुना और आँखों देखा भी झूठ हो सकता है
दोस्तों हम दिन भर में बहुत से लोगो के बारे में कुछ अच्छा और बुरा सुनते है। उसी के आधार पर उन लोगो के प्रति हम अपनी अच्छी या बुरी सोच बना लेते है। क्या ऐसा करना सही होता है। इसी बात को अच्छे तरिके से समझाने के लिए मैं आपको एक Motivational Story सुनाता हूँ। Some Motivational Stories कानों सुना और आँखों देखा भी झूठ हो सकता है
एक बार की बात है। एक महात्मा सुबह के समय नदी के किनारे घूम रहे थे। अचानक ही उनकी नजर एक आदमी पर पड़ी। जो नदी के किनारे के स्त्री की गोद में सर रखकर सोया हुआ था। महात्मा ने ध्यान से देखा तो उसी आदमी के पास शराब की खाली बोतल भी पड़ी हुई थी।
यह देखकर वह महात्मा मन ही मन सोचने लगा की यह मनुष्य कैसा है। जो सुबह के समय ही शराब का सेवन करके एक स्त्री की गोद में सर रखकर प्रेम में डूबा हुआ है। अचानक ही उस महात्मा को किसी के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। महात्मा ने देखा की एक मनुष्य नदी में डूब रहा है।
उस महात्मा को तैरना नहीं आता था इसलिए वह उस मनुष्य की किसी भी प्रकार से मदत नहीं कर सकता था। तभी महात्मा ने देखा – स्त्री की गोद म सर रखकर सोया हुआ आदमी उठा और उस व्यक्ति को बचाने के लिए नदी में कूद गया। उसने उस व्यक्ति को बचा लिया।
यह सब देखकर वह महात्मा सोच में पड़ गया।वह सोचने लगा। इस आदमी को बुरा कहे या फिर भला। जब उसकी कुछ भी समझ में नहीं आया तो इसका पता लगाने के लिए वह उस आदमी के पास गया और उससे पूछा – तुम कौन हो और यहाँ क्या कर रहे हो
उस आदमी ने कहा – मैं एक मछुआरा हूँ। मैं मछली पकड़ता – पकड़ता इस नदी में दूर निकल गया था। आज बहुत ही दिनों बाद लौटा हूँ इसलिए मेरी माँ मुझे नदी किनारे पर लेने आ गयी। घर में कोई दुसरा बर्तन खली नहीं था इसलिए वह दारु की बोतल में पानी भरकर लायी।
मैं इस सफर के दौरान काफी थक गया था इसलिए पानी पि कर माँ की गोद में सर रखकर सो गया। यह सुनकर उस महात्मा की आँखों में आँशु आ गये। वह मन ही मन सोचने लगा की मैंने सच जाने बिना ही इस व्यक्ति के बारे में बुरा सोचा।
दोस्तों इस Motivational Story से मैं आपको ये समझाना चाहता हूँ की कानों सूना और आँखों देखा भी झूठ हो सकता है। किसी के भी प्रति कोई भी निर्णय लेने से पहले सच जान लो क्योकि ये भी हो सकता है की जो तुमने सूना और जो तुम्हे दिखाई दे रहा हो। वह सच ना हो। जिसके कारण तुम्हे बाद में पछताना पड़े। Some Motivational Stories कानों सुना और आँखों देखा भी झूठ हो सकता है
No comments:
Post a Comment