इस Diwali कुछ नया करो Diwali Story In Hindi
Hello दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आप सभी अच्छे होंगे। दोस्तों हमारे पास घर है दीये जलाने को, जमीन है रंगोली बनाने को, पैसे है मिठाई खाने को, family है खुशियाँ लुटाने को। इस Diwali कुछ नया करो Diwali Story in Hindi
बाजार सजने लगे है। मिठाइयाँ बिकने लगी है। क्योकि कुछ दिनों बाद दिवाली है। आज मेरे पिताजी ने मुझे ५००० रूपये दिए, दिवाली के सामान की खरीदारी को। मैं खुशी खुशी बाजार पहुँच गया। बाजार में सभी दुकाने सजी हुई थी। दुकानों के बाहर तरह तरह के पटाखे रखे हुए थे। साथ ही साथ स्वादिष्ट मिठाइयाँ भी रखी हुई थी। मैंने संतुष्टि के लिए अपनी जेब में हाथ डाला। उसमे ५००० रूपये थे।
मैंने पटाखे खरीदने का मन बनाया और एक पटाखों की दूकान के बाहर पहुँच गया। तभी एक बुजुर्ग व्यक्ति मेरे पास आया और बोला बेटा मैंने और मेरे परिवार ने दो दिन से कुछ नहीं खाया। हमे बहुत भूख लगी है। हमारी कुछ मदत कर दो। मैंने उससे कहा – मेरे पास पैसे नहीं है। वह मुस्कुराया और बोला – बेटा मैंने तुम्हारी जेब में से अभी अभी ५००० रूपये चुराये है। मैं इस रुपयों को लेकर जा सकता था, और अपने परिवार का पेट भर सकता था। लेकिन मेरा मन नहीं माना।
यह सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आया। मैंने उसे गालियाँ दी और उससे वे ५००० रूपये छीन लिये। मैंने उससे कहा – इन ५००० रुपयों से मैं पटाखे खरीदूँगा बेवकूफ, और उसे वहाँ से भगा दिया। मेरा दिमाग मुझसे कह रहा था की मैंने सही किया लेकिन मेरा दिल नहीं मान रहा था। मेरे कदम धीरे धीरे पटाखे की दूकान की ओर बढ़ रहे थे।
उस दुकानदार ने सब कुछ देख लिया था। उसने मुझे तरह तरह के पटाखे दिखाये। मैंने सब के सब खरीद लिये। मैंने दुकानदार से उनकी कीमत पूछी। उसने कहा – बाबूजी सभी पटाखों को मिलाकर ४९०० रूपये होते है। मैंने उसे रूपये देने के लिए अपनी जेब में हाथ बढ़ाया।
तभी मेरे दिल ने मुझसे कहा – ये तुम क्या कर रहे हो। ये पटाखे तुम्हे खुशी नहीं दे सकते। तुम्हे इस ४९०० रुपयों से उस गरीब की मदत करनी चाहिए थी। तभी मेरा दिमाग मुझसे बोला – नहीं नहीं ऐसा मत करना। अगर तुम पटाखे नहीं खरीदोगे तो तुम्हारे दोस्त सोचेंगे की तुम्हे पटाखे खरीदने के लिए रूपये ही नहीं मिले, और तुम्हारी सबके सामने insult हो जायेगी।
मैं ये सब सोच ही रहा था कि दुकानदार फिर से बोला – बाबूजी कुल मिलाकर ४९०० रूपये हुए। लेकिन मेरा इरादा बदल चुका था। मैंने एक मिठाई का डब्बा खरीदा और उस दिशा में दौड़ पड़ा। जिस ओर वह बूढ़ा व्यक्ति गया था। थोड़ी ही दुरी पर लोगो की भीड़ जमा थी। मैंने पास जाकर देखा तो वह बूढ़ा व्यक्ति जमीन पर पड़ा था। उसके परिवार के सभी लोग उसके चारो तरफ बैठे थे। उनके शरीर पर कपडे नहीं थे। जिसके कारण वे ठण्ड से ठिठुर रहे थे
वे लोगों की तरफ आस भरी नजरों से देख रहे थे। मैं उनके पास गया और उन्हें पास के ही hotel में खाना खिलाया। मैंने उन सभी के लिए कपडे भी खरीदे। मैं सीधा अपने घर पहुँचा। मेरे पिता ने मुझे अपने पास बुलाया और पूछा – मुझे भी दिखाओ की तुम दिवाली किस तरह मनाने वाले हो। मैंने उनसे कहा – मैं तो आज दिवाली मनाकर आया हूँ, और ऐसी दिवाली मैंने आज तक नहीं मनाई।
दोस्तों क्या आपको नहीं लगता की इस दिवाली हमे कुछ नया करना चाहिए। एक बार सोच कर देखो की हम पटाखे खरीदने में बहुत सारे रूपये waste करते है। ये रूपये किसी के काम आ सकते है। किसी की दिवाली को बेहतर बना सकते है। इस बार पटाखे खरीदने के बजाय। किसी के घर में दीया जलाओ। मिठाई खरीदने के बजाय किसी को खाना खिलाओ। अगर आपने इस दिवाली ऐसा किया तो मेरा यकीन मानो ये आपकी सबसे अच्छी दिवाली होगी
दोस्तों मैं चाहता हूँ की ये message दिवाली से पहले हर भारतीय के पास पहुँचे। अगर आप भी ऐसा ही सोचते है तो इस message को share जरूर कीजियेगा। मैं आखिर में ये ही कहूँगा – ये दिवाली उन लोगो के नाम जिन्हे हमारी जरुरत है। इस Diwali कुछ नया करो Diwali Story in Hindi
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