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Motivational Short Story

MOTIVATIONAL STORIES IN HINDI सफलता का पहला नियम; भागो मत, सिर्फ जागो BY DEVRATN AGRAWAL

MOTIVATIONAL  STORIES IN HINDI



सफलता का पहला नियम; भागो मत, सिर्फ जागो

BY DEVRATN AGRAWAl







आज के ज़माने में बहुत कम लोगो में ही सच्ची लगन देखने  को मिलती है । modernization के इस दोर मे सभी लोग सब कुछ फटा फट चाहते है । अकसर हमें अखबारों, न्यूज़ channels में ऐसी खबरे  पढ़ने और सुनने  को मिलती हैं कि रातोंरात कामयाबी ने कई लोगों के कदम चूमे। ऐसी खबरे देखकर और सुनकर हमारा भी मन करता है की हमे भी वो सब कुछ जल्दी से जल्दी मिले।

लेखक लियोनार्ड पिट्स के अनुसार : “ अक्सर दूसरों की कामयाबी को देखकर हम  लोगों को लगता है कि बड़ा नाम कमाना या सफल होना बाएँ हाथ का खेल है क्योंकि हमे  उनकी कामयाबी के पीछे लगी कड़ी मेहनत और लगन का अंदाज़ा नहीं होता। . . . हम सिर्फ कामयाबी और सफलता को ही देखते हैं।

लेकिन सच्ची लगन का मतलब क्या होता है? सच्ची लगन का मतलब है ‘नाकामी या समस्याओं के बावजूद किसी भी हालत मे अपने मकसद या काम में मज़बूती से टिके या लगे रहना। EINSTEIN की यह कहानी सच्ची लगन का एक EXAMPLE है;


महान वैज्ञानिक Elbert Einstein जब भी कोई काम किया करते थे तो उस काम मे खो जाते थे। उन्हे दूसरे किसी काम की होश नहीं रहती थी। एक बार वो अपनी laboratory मे कोई काम कर रहे थे, तो उनकी पत्नी उनके लिए खाना लेकर आयी। उनको काम मे खोया हुआ देखकर वो उनकी थाली एक table पर रख कर चली गयी। उन्होने सोचा की जब भी काम से फुरसत मिलेगी, वो खाना खा लेंगे। साथ ही Einstein के सहयोगी मित्र भी काम पर लगे थे। खाने की थाली देखकर उनकी भूख भड़क गयी और वो Einstein को छोड़कर खाना खाने के लिए चले गए। उन्होने अपने खाने के साथ Einstein का खाना भी खा लिया।


 Einstein पूरी लगन के साथ अपने काम मे लगे थे। जब उन्होने अपना काम निपटा लिया तो वो खाना खाने के लिए अपने table के पास गए तो उन्होने देखा सभी बर्तन खाली है। उन्होने सोचा की शायद मै खाना खा चुका हु और फिर पानी पीकर वापिस अपने काम मे लग गए। उनके सभी सहयोगी उनके काम के प्रति लगन को देखकर नक्मस्तक हो गए। यह होती है काम के प्रति सच्ची लगन



गीता मे भगवान कृष्ण कहते है है की उनकी माया को पार करना अत्यंत मुश्किल है। उनकी माया को पार करना या उत्तीर्ण होना हर जीव की लिए मुमकिन नहीं है। लेकिन मन मे लगन अगर सच्ची हो तो भगवान भी आपके पीछे खड़े हो जाते है और असंभव काम भी संभव हो जाता है।

इस बात पर हमेशा  पूरा भरोसा रखिए कि अगर आप आप अपने काम में डटे रहते हैं, तो आप ज़रूर कामयाब होंगे


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MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI जैसे आप, वैसी दुनिया। ….. BY DEVARTN AGRAWAL



MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI  


span style="font-size: large;">जैसे आप, वैसी दुनिया।

 ….. BY DEVARTN AGRAWAL



a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjJXI5GaA6MoK1wDzU3F29vwyprrg3NURHcZo5gcF3OoV0v7bopEosDlbD-nMIfsaaAfqD777cmKe9G7UnzCDEa2JBk9zRzfx_nxGLhBupFfQ4TnN-vys71AawWNQANR4bgni0l9-BJh_c/s1600/107.png" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;">


यह एक बुद्धिमान व्यक्ति की कहानी है। यह व्यक्ति एक दिन अपने गाँव के बहार बैठा कुछ सोच रहा था। तभी एक व्यक्ति वह से गुजरा और उसने उस व्यक्ति से पूछा ” इस गाँव में किस तरह के लोग रहते है ?” उस बुद्धिमान व्यक्ति को अजीब सवाल लगा। 



उसने कहा – आखिर तुम ऐसा क्यों पूछ रहे हो ? , क्यकि मैं अपना गाँव छोड़कर इस गाँव में बसने की सोच रहा हूँ। बुद्धिमान व्यक्ति ने उससे पूंछा कि भाई पहले एक बात मुझे बताओ कि” तुम जिस गाँव में रहते हो वह कैसे लोग रहते है ?” उस आदमी ने कहा – वे सब मतलबी, घृणा करने वाले , निर्दयी लोग है और कभी कोई किसी की मदद नहीं करता ।



 बुद्धिमान व्यक्ति ने जवाब दिया – इस गाँव में भी ऐसे हे लोग रहते है। इतना सुन वह व्यक्ति वह से चला गया। कुछ देर बाद वहा दूसरा व्यक्ति आया, और रुक कर उसने भी वही सवाल किया। बुद्धिमान व्यक्ति ने उससे भी वही सवाल किया कि ” तुम जिस गाँव को छोड़ना चाहते हो वह कैसे लोग रहते है ?


” उस व्यक्ति ने जवाब दिया -” वहा के लोग बड़े हे विनम्र , दयालु और एक दूसरे की मदद करने वाले है ” तभी उस बुद्धिमान व्यक्ति ने जवाब दिया और कहा कि यहाँ भी तुम्हे ऐसे हे लोग मिलेंगे।
आमतौर पर हम दुनिया को उस तरह नहीं देखते जैसे की वह है , बल्कि उस तरह देखते है जैसे की हम है। ज्यादातर लोगो का व्यवहार हमारे हो व्यवहार का आईना होता है।


span style="background-color: white; color: #141412; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif; font-size: 14px; text-align: justify;">
अगर हम अच्छे है तो दुनिया अच्छी है और अगर हम बुरे है तो दुनिया बुरी है। दोष दुसरो में नहीं , खुद में है। अक्सर हम दुनिया को बदलने की बात करते है अगर कोशिश कर खुद को बदल ले तो दुनिया अपने आप हे बदल जाएगी। ताउम्र हम लोगो में दोष देखते रहते है मगर अपने दोषो को ख़त्म करने की चिंता तक नहीं करते।
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MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI आपकी बेचने की चाहत, खरीदने की चाहत से ज्यादा होनी चाहिए ….. BY DEVARTN AGRAWAL


MOTIVATIONAL STORIES 



आपकी बेचने की चाहत,खरीदने की चाहत से ज्यादा होनी चाहिए

….. BY DEVARTN AGRAWAL







एक बार बादशाह अकबर के दरबार में उनका साला पंहुचा और भरे दरबार में उनके  साले ने बादशाह अकबर से कहा की आप ने बीरबल को बहुत सर पर चड़ा  रखा है ,आपने  उसको ही क्यों राज-पाट का सारा जिम्मा सोप रखा है , राज दरबार में और भी ऐसे कई लोग मौजूद है जो बीरबल से ज्यादा होशियार और काबिल है , साला होने की वजह से बादशाह उसको कुछ  नहीं कह पाए परन्तु बादशाह ने दरबार में मौजूद  सभी लोगो से पूछा की बताओ किस किस को लगता है की वो बीरबल से जयादा समझदार है?…. 



किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। ।लेकिन बादशाह को लगा की साले को शांत करना भी  जरुरी है क्योकि वो साला है। ….  सारी  दुनिया एक तरफ और जोरू का भी एक तरफ ,…. बादशाह ने साले  से कहा की तुम्हे  क्या लगता है की मैं ऐसे ही बीरबल को होशियार,चालाक और काबिल समझता हूँ। …

अगर तुम्हे लगता है की तुम होशियार और समझदार हो तो साबित करो, अगर साबित कर दिया तो कल से इस राज्य के मंत्री तुम। … साला – तो बताओ मुझे साबित करने  के लिए क्या करना होगा ?  बादशाह ने कहा ये कोयले का बोरा  है और इसको तुम्हे एक लाख सोने  की  मोहर  में बेचना है और जिसे बेचो उससे लिखवा कर भी लाना की कोयले के बदले एक लाख मोहरे  दी है ….. 



ये सुन, साला बोला  बादशाह ये तो कोयला है, ये भला इतने में कौन खरीदेगा वो भी सिर्फ एक बोरा!… बादशाह बोले तो मान लो तुम काबिल और होशियार नहीं हो। परन्तु उसको तो अपने आप को बीरबल से ज्यादा होशियार साबित करना था  ।… उसने  कोयले का बोरा लिया और बाज़ार में जाकर बेचने लगा।  …. काफी कोशिशो  के बाद , जब वह बेच नहीं पाया तो बादशाह के पास आकर बोला  की इस कोयले को एक लाख सोने की मोहर में अगर मैं नहीं बेच पाया हूँ तो दुनिया का कोई  भी इन्सान नहीं बेच सकता ,फिर चाहे वह बीरबल ही  क्यों न हो। …

ये सुन बादशाह ने बीरबल को बुलाया और  कहा की ये कोयले का बोरा  है जो तुम्हे बेच कर हमे एक लाख सोने की मोहरे ला कर देना है…। बीरबल बोला की बादशाह ये बोरा तो बहुत कीमती है, इस कोयले के तो कई ज्यादा सोने की मोहर मिल जाएगी और आप सिर्फ एक लाख सोने की मोहर ही लाने की  मांग कर  रहे है। । बीरबल ने कोयले के बोरे  से एक टुकड़ा उठाया और कहा –  अगर आपको एक लाख मोहर ही  चाहिए तो ये एक टुकड़ा ही  काफी है…और वो उस टुकड़े को ले कर चला गया। …जब शाम को बीरबल दरबार में वापस पंहुचा तो उसके हाथ में एक लाख सोने की मोहरे और जिसे बेचा, उसका लिखा हुवा कागज था जिसमे लिखा था की मैंने इस कोयले के बदले एक लाख सोने की मोहर दी है ,बीरबल ने वो ख़त और मोहर बादशाह को दी ,….. 



बादशाह ने अपने साले से कहा की देखा मैंने बीरबल को क्यों मंत्री बनाया है। …इतना सुन साला वहा  से चला गया। …परन्तु बादशाह ये जानना चाहते थे की आखिर एक टुकड़े के बदले एक लाख सोने की मोहर कैसे मिली। …बादशाह ने बीरबल से पूछा की आखिर तुमने इसे बेचा कैसे ? बीरबल बोल – मैंने उस कोयले के टुकड़े को पिस कर पहले सुरमा बनाया और उस सुरमे को लेकर मैं अपने पडोसी राज्य के राजा के पास गया… 



राजा अपने सभी दरबारियों के साथ  दरबार में बेठे थे … उनसे मैंने उस सुरमे की खासियत बताई की ये सुरमा जो भी अपनी आखों में लगता है उसको अपनी सात पुस्ते दिखाई देने लगती है  …य़े सुनकर  राजा को यकीं नहीं हुवा  तो महाराज ने कहा की मुझे लगाओ मैं देखना चाहता हूँ की तुम सही कह रहे हो या नहीं।  तभी मैंने उनसे कहा की महाराज ये सुरमा बड़ा महंगा है इसको एक बार लगाने के ही एक लाख सोने की मोहर लगती है।  तो महाराज बोले की ठीक है अगर तुम्हारी बात सही है तो हम एक लाख मोहर देंगे। …और अगर गलत हुई तो फासी। … 



तभी मैंने उनसे कहा की ठीक है महाराज, पर इस सुरमे की एक खासियत है की इसको लगाने के बाद उसी को अपनी सात पुस्ते दिखेगी  जो की एक बाप का होगा , और अगर वो दो  बाप का है तो उसको नहीं दिखेगी।  बस  फिर क्या था वो तैयार हो गए और मैंने उनको सुरमा लगा दिया। …और पूछा  की महाराज, क्या आपको सात पुसते दिखाई दे  रही है?  फिर क्या था महाराज ने हां  ही  कहा। ….  पुरे  दरबार के सामने मना तो कर नहीं सकते थे। …. उन्होंने लिख कर भी दे दिया और मोहरे भी दे दी
सन्देश –  वाकई अगर कोई  बेचने पर आये तो कोयला भी लाखो में बेच सकता है , बस बेचने वाले में बेचने की कला होनी चाहिए मैं भी यही मानता  हूँ की हर चीज़ बिक सकती है बस  आपकी बेचने की चाहत , ना  खरीदने  की चाहत से ज्यादा  होनी चाहिए। 

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