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Motivational Short Story

कर कुछ ऐसा कि दुनिया बनना चाहे तेरे जैसा By Devratn Agrawal


कर कुछ ऐसा कि दुनिया बनना चाहे तेरे जैसा By Devratn Agrawal 




आज मैं आपको कोई कहानी नहीं सुनाने वाला हूँ बल्कि आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूँ। सभी के घरों में बच्चे होते हैं और इन बच्चों से सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल पता है क्या है ? बेटा तुम बड़े होकर क्या बनना चाहते हो? ये बच्चों से सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल है।
यक़ीनन आपके भी बच्चे होंगे और बच्चे नहीं तो छोटे भाई या बहन या कोई भी

जब एक पिता अपने बच्चे से पूछता है कि बेटा तुम बड़े होकर क्या बनना चाहते हो? तो 99% बच्चों का जवाब होता है –
मैं बिल गेट्स जैसा बनूँगा
मुझे मार्क जुकरबर्ग जैसा बनना है
मुझे टाटा बिड़ला बनना है
मुझे सचिन तेंदुलकर जैसा बनना है……. आदि


लेकिन जरा गौर से सोचिये आपका बच्चा बिल गेट्स या सचिन तेंदुलकर जैसा बनना चाहता है पर आपके जैसा क्यों नहीं ? आपका बच्चा उन लोगों जैसा बनना चाहता है जिन्हें वो ठीक से जानता भी नहीं बल्कि आप हमेशा अपने बच्चों के साथ रहते हैं लेकिन फिर भी 99% बच्चे कभी ये नहीं बोलते कि पापा मैं आपके जैसा बनना चाहता हूँ, कभी सोचा है क्यों ?
क्यूंकि आपने अपने बच्चों को केवल पाला है उनके सामने एक अच्छे इंसान होने का उदहारण कभी पेश नहीं किया, शायद आपने जीवन में कुछ बड़ा नहीं किया


काश आपने भी अपने जीवन को कुछ अलग अंदाज से जिया होता…
काश आप भी एक सफल इंसान होते….
काश ये दुनिया आपकी फैन होती….
काश आपने जीवन में सफलता की बुलंदियों को छुआ होता….

तो आज जब आप अपने बच्चे से पूछते कि बेटा तुम कैसे बनना चाहते हो ? तो बच्चे का जवाब होता – पापा आपके जैसा …
दोस्तों क्यों ना हम लोग भी कुछ बड़ा करें, अपनी आने वाली पीढ़ी के सामने एक उदाहरण पेश करें जिससे आपके बच्चे किसी और के नहीं बल्कि आपके खुद के फैन हों। अपने जीवन को केवल जियो मत बल्कि बल्कि भरपूर जियो, खूब मेहनत करो, हमें तो आसमां की बुलंदियों को छूना है।
सोचिये कितना गर्व महसूस होगा जब आपके छोटे भाई बहन या आपके बच्चे दूसरे लोगों को आपकी मिसाल देंगे आपके जैसा बनने की कोशिश करेंगे। तो चलिए आज ही से कुछ बड़ा करने की कोशिश करिये और नीचे कमेंट करके हमें बताइए कि ये लेख आपको कैसा लगा ? छोटा जरूर है लेकिन ये लेख बहुत गंभीर है इसे गहराई से सोचना……









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#Motivational_Story_136 सफल होने का राज असफल लोगो से मिलता है - कैसे सुने जरुर देवरत्न अग्रवाल


#Motivational_Story_136  सफल होने का राज असफल लोगो से मिलता है - कैसे  सुने जरुर  देवरत्न अग्रवाल




“सफलता” या “Success” एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते या पढ़ते ही प्रत्येक व्यक्ति के अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा (Positive energy) कार्य करने लगती है। जो भी व्यक्ति सफलता के बारे में सोचता है, उसके अंदर सफलता को पाने के लिए इच्छा (Desire) जागने लगती है।
दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति कभी न कभी सफलता के बारे में जरूर सोचता है।
लेकिन सफलता के बारे में सोचते हुए दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति के मन में एक ही सवाल होता है कि–



इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए कोई व्यक्ति प्रेरणादायक किताबों (Inspirational books) को पढ़ता है, कोई प्रेरणादायक ब्लॉग (Inspirational Blog) या websites पर इसे search करता है तो कोई Motivational seminar को join करता है।
अलग-अलग व्यक्ति अलग-अलग तरीकों से इस प्रश्न के उत्तर को जानने का प्रयास करता है। Books, Blogs और Seminars ऐसी जगह हैं जहाँ इस प्रश्न का उत्तर खोजा जाये तो मिल भी जाता है।
इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए आजकल सबसे सरल और सबसे सस्ता तरीका (Simplest and cheapest way) किसी अच्छे Motivational blog को पढ़ना है।


दोस्तों! इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज मैं आपको सफलता पाने का एक ऐसा तरीका (One way to get success) बताने जा रहा हूँ जिसका प्रयोग अधिकतर सफल व्यक्ति (Successful person) करते हैं।
जब भी किसी व्यक्ति के मन (Mind) में यह प्रश्न आये कि Success किस प्रकार प्राप्त की जा सकती है? तो उसके पास इस उत्तर को जानने के लिए दो तरीके होते हैं—
पहला यह है कि वह सफल हो चुके व्यक्तियों का अनुसरण करे। सफलता के उस रास्ते पर चले जिस रास्ते पर कोई सफल व्यक्ति चलकर सफलता प्राप्त कर चुका हो।
दूसरा रास्ता यह है कि असफल हो चुके व्यक्तियों से सीखे (Learn from failed person) कि वह असफल व्यक्ति किस प्रकार असफल हुआ? उस रास्ते के बारे में भी जाने जिस पर चलकर वह व्यक्ति असफल हुआ था।


पहले रास्ते का तो बहुत से लोग अनुसरण करते हैं लेकिन मेरे हिसाब से यदि दूसरे तरीके का प्रयोग किया जाये तो भी सफलता आसानी से प्राप्त की जा सकती है।
अपनी इस बात को समझाने के लिए मैं आपको एक प्रेरणादायक कहानी हिंदी में (Inspirational story in Hindi) बताना चाहता हूँ-
एक बार एक असफल व्यक्ति एक सफल व्यक्ति के पास पंहुचा। इस सफल व्यक्ति की खास बात यह थी कि वह जो भी कार्य करता था उसमे सफलता प्राप्त करता था।
असफल व्यक्ति ने उससे पूछा, “आपकी सफलता का रहस्य क्या है? (What is the secret of success?) क्योकि मैं भी सफल होना चाहता हूँ।”
सफल व्यक्ति थोड़ा मुस्कुराया और बोला, “असफल व्यक्तियों से ही मैंने सफल होना सीखा है।”


असफल व्यक्ति थोड़ा सोच में पड़ गया कि क्या असफल व्यक्तियों से भी कोई सफल होना सीख सकता है?
उसने कहा, “मुझे आपकी बात समझ नहीं आयी, कृपया अपनी बात को स्पष्ट करें।”
तब उस सफल व्यक्ति (Successful person) ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “यह सच है कि असफल व्यक्तियों से ही मैंने सफल होना सीखा है। यह सफल होने का ऐसा तरीका है जिसे मेरे जैसे बहुत से सफल व्यक्ति प्रयोग करते हैं।”
तभी असफल व्यक्ति बोला, “क्या असफल व्यक्तियों से भी सफलता के बारे में सीखा जा सकता है?
एक बार एक असफल व्यक्ति एक सफल व्यक्ति के पास पंहुचा। इस सफल व्यक्ति की खास बात यह थी कि वह जो भी कार्य करता था उसमे सफलता प्राप्त करता था।
असफल व्यक्ति ने उससे पूछा, “आपकी सफलता का रहस्य क्या है? (What is the secret of success?) क्योकि मैं भी सफल होना चाहता हूँ।”
सफल व्यक्ति थोड़ा मुस्कुराया और बोला, “असफल व्यक्तियों से ही मैंने सफल होना सीखा है।”


असफल व्यक्ति थोड़ा सोच में पड़ गया कि क्या असफल व्यक्तियों से भी कोई सफल होना सीख सकता है?
उसने कहा, “मुझे आपकी बात समझ नहीं आयी, कृपया अपनी बात को स्पष्ट करें।”
तब उस सफल व्यक्ति (Successful person) ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “यह सच है कि असफल व्यक्तियों से ही मैंने सफल होना सीखा है। यह सफल होने का ऐसा तरीका है जिसे मेरे जैसे बहुत से सफल व्यक्ति प्रयोग करते हैं।”


तभी असफल व्यक्ति बोला, “क्या असफल व्यक्तियों से भी सफलता के बारे में सीखा जा सकता है?
एक बार एक असफल व्यक्ति एक सफल व्यक्ति के पास पंहुचा। इस सफल व्यक्ति की खास बात यह थी कि वह जो भी कार्य करता था उसमे सफलता प्राप्त करता था।


असफल व्यक्ति ने उससे पूछा, “आपकी सफलता का रहस्य क्या है? (What is the secret of success?) क्योकि मैं भी सफल होना चाहता हूँ।”
सफल व्यक्ति थोड़ा मुस्कुराया और बोला, “असफल व्यक्तियों से ही मैंने सफल होना सीखा है।”


असफल व्यक्ति थोड़ा सोच में पड़ गया कि क्या असफल व्यक्तियों से भी कोई सफल होना सीख सकता है?
उसने कहा, “मुझे आपकी बात समझ नहीं आयी, कृपया अपनी बात को स्पष्ट करें।”


तब उस सफल व्यक्ति (Successful person) ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “यह सच है कि असफल व्यक्तियों से ही मैंने सफल होना सीखा है। यह सफल होने का ऐसा तरीका है जिसे मेरे जैसे बहुत से सफल व्यक्ति प्रयोग करते हैं।”
तभी असफल व्यक्ति बोला, “क्या असफल व्यक्तियों से भी सफलता के बारे में सीखा जा सकता है?











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Motivational Kavita Hindi - तू तो परमवीर है, तू युद्ध कर – तू युद्ध कर By Devratn Agrawal

Motivational Kavita Hindi - तू तो परमवीर है, तू युद्ध कर – तू युद्ध कर By Devratn Agrawal






माना हालात प्रतिकूल हैं, रास्तों पर बिछे शूल हैं
रिश्तों पे जम गई धूल है
पर तू खुद अपना अवरोध न बन
तू उठ…… खुद अपनी राह बना………………………..
माना सूरज अँधेरे में खो गया है……
पर रात अभी हुई नहीं, यह तो प्रभात की बेला है
तेरे संग है उम्मीदें, किसने कहा तू अकेला है
तू खुद अपना विहान बन, तू खुद अपना विधान बन………………………..
सत्य की जीत हीं तेरा लक्ष्य हो
अपने मन का धीरज, तू कभी न खो
रण छोड़ने वाले होते हैं कायर
तू तो परमवीर है, तू युद्ध कर – तू युद्ध कर………………………..
इस युद्ध भूमि पर, तू अपनी विजयगाथा लिख
जीतकर के ये जंग, तू बन जा वीर अमिट
तू खुद सर्व समर्थ है, वीरता से जीने का हीं कुछ अर्थ हैतू दूसरों की प्रेरणा बन, दूसरों को प्रेरित कर
क्योंकि उत्साह के बिना जीवन व्यर्थ है
तू युद्ध कर – बस युद्ध कर………………………. 




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MOTIVATIONAL STORIES IN HINDI सफलता का पहला नियम; भागो मत, सिर्फ जागो BY DEVRATN AGRAWAL

MOTIVATIONAL  STORIES IN HINDI



सफलता का पहला नियम; भागो मत, सिर्फ जागो

BY DEVRATN AGRAWAl







आज के ज़माने में बहुत कम लोगो में ही सच्ची लगन देखने  को मिलती है । modernization के इस दोर मे सभी लोग सब कुछ फटा फट चाहते है । अकसर हमें अखबारों, न्यूज़ channels में ऐसी खबरे  पढ़ने और सुनने  को मिलती हैं कि रातोंरात कामयाबी ने कई लोगों के कदम चूमे। ऐसी खबरे देखकर और सुनकर हमारा भी मन करता है की हमे भी वो सब कुछ जल्दी से जल्दी मिले।

लेखक लियोनार्ड पिट्स के अनुसार : “ अक्सर दूसरों की कामयाबी को देखकर हम  लोगों को लगता है कि बड़ा नाम कमाना या सफल होना बाएँ हाथ का खेल है क्योंकि हमे  उनकी कामयाबी के पीछे लगी कड़ी मेहनत और लगन का अंदाज़ा नहीं होता। . . . हम सिर्फ कामयाबी और सफलता को ही देखते हैं।

लेकिन सच्ची लगन का मतलब क्या होता है? सच्ची लगन का मतलब है ‘नाकामी या समस्याओं के बावजूद किसी भी हालत मे अपने मकसद या काम में मज़बूती से टिके या लगे रहना। EINSTEIN की यह कहानी सच्ची लगन का एक EXAMPLE है;


महान वैज्ञानिक Elbert Einstein जब भी कोई काम किया करते थे तो उस काम मे खो जाते थे। उन्हे दूसरे किसी काम की होश नहीं रहती थी। एक बार वो अपनी laboratory मे कोई काम कर रहे थे, तो उनकी पत्नी उनके लिए खाना लेकर आयी। उनको काम मे खोया हुआ देखकर वो उनकी थाली एक table पर रख कर चली गयी। उन्होने सोचा की जब भी काम से फुरसत मिलेगी, वो खाना खा लेंगे। साथ ही Einstein के सहयोगी मित्र भी काम पर लगे थे। खाने की थाली देखकर उनकी भूख भड़क गयी और वो Einstein को छोड़कर खाना खाने के लिए चले गए। उन्होने अपने खाने के साथ Einstein का खाना भी खा लिया।


 Einstein पूरी लगन के साथ अपने काम मे लगे थे। जब उन्होने अपना काम निपटा लिया तो वो खाना खाने के लिए अपने table के पास गए तो उन्होने देखा सभी बर्तन खाली है। उन्होने सोचा की शायद मै खाना खा चुका हु और फिर पानी पीकर वापिस अपने काम मे लग गए। उनके सभी सहयोगी उनके काम के प्रति लगन को देखकर नक्मस्तक हो गए। यह होती है काम के प्रति सच्ची लगन



गीता मे भगवान कृष्ण कहते है है की उनकी माया को पार करना अत्यंत मुश्किल है। उनकी माया को पार करना या उत्तीर्ण होना हर जीव की लिए मुमकिन नहीं है। लेकिन मन मे लगन अगर सच्ची हो तो भगवान भी आपके पीछे खड़े हो जाते है और असंभव काम भी संभव हो जाता है।

इस बात पर हमेशा  पूरा भरोसा रखिए कि अगर आप आप अपने काम में डटे रहते हैं, तो आप ज़रूर कामयाब होंगे


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MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI जैसे आप, वैसी दुनिया। ….. BY DEVARTN AGRAWAL



MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI  


span style="font-size: large;">जैसे आप, वैसी दुनिया।

 ….. BY DEVARTN AGRAWAL



a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjJXI5GaA6MoK1wDzU3F29vwyprrg3NURHcZo5gcF3OoV0v7bopEosDlbD-nMIfsaaAfqD777cmKe9G7UnzCDEa2JBk9zRzfx_nxGLhBupFfQ4TnN-vys71AawWNQANR4bgni0l9-BJh_c/s1600/107.png" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;">


यह एक बुद्धिमान व्यक्ति की कहानी है। यह व्यक्ति एक दिन अपने गाँव के बहार बैठा कुछ सोच रहा था। तभी एक व्यक्ति वह से गुजरा और उसने उस व्यक्ति से पूछा ” इस गाँव में किस तरह के लोग रहते है ?” उस बुद्धिमान व्यक्ति को अजीब सवाल लगा। 



उसने कहा – आखिर तुम ऐसा क्यों पूछ रहे हो ? , क्यकि मैं अपना गाँव छोड़कर इस गाँव में बसने की सोच रहा हूँ। बुद्धिमान व्यक्ति ने उससे पूंछा कि भाई पहले एक बात मुझे बताओ कि” तुम जिस गाँव में रहते हो वह कैसे लोग रहते है ?” उस आदमी ने कहा – वे सब मतलबी, घृणा करने वाले , निर्दयी लोग है और कभी कोई किसी की मदद नहीं करता ।



 बुद्धिमान व्यक्ति ने जवाब दिया – इस गाँव में भी ऐसे हे लोग रहते है। इतना सुन वह व्यक्ति वह से चला गया। कुछ देर बाद वहा दूसरा व्यक्ति आया, और रुक कर उसने भी वही सवाल किया। बुद्धिमान व्यक्ति ने उससे भी वही सवाल किया कि ” तुम जिस गाँव को छोड़ना चाहते हो वह कैसे लोग रहते है ?


” उस व्यक्ति ने जवाब दिया -” वहा के लोग बड़े हे विनम्र , दयालु और एक दूसरे की मदद करने वाले है ” तभी उस बुद्धिमान व्यक्ति ने जवाब दिया और कहा कि यहाँ भी तुम्हे ऐसे हे लोग मिलेंगे।
आमतौर पर हम दुनिया को उस तरह नहीं देखते जैसे की वह है , बल्कि उस तरह देखते है जैसे की हम है। ज्यादातर लोगो का व्यवहार हमारे हो व्यवहार का आईना होता है।


span style="background-color: white; color: #141412; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif; font-size: 14px; text-align: justify;">
अगर हम अच्छे है तो दुनिया अच्छी है और अगर हम बुरे है तो दुनिया बुरी है। दोष दुसरो में नहीं , खुद में है। अक्सर हम दुनिया को बदलने की बात करते है अगर कोशिश कर खुद को बदल ले तो दुनिया अपने आप हे बदल जाएगी। ताउम्र हम लोगो में दोष देखते रहते है मगर अपने दोषो को ख़त्म करने की चिंता तक नहीं करते।
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MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI आपकी बेचने की चाहत, खरीदने की चाहत से ज्यादा होनी चाहिए ….. BY DEVARTN AGRAWAL


MOTIVATIONAL STORIES 



आपकी बेचने की चाहत,खरीदने की चाहत से ज्यादा होनी चाहिए

….. BY DEVARTN AGRAWAL







एक बार बादशाह अकबर के दरबार में उनका साला पंहुचा और भरे दरबार में उनके  साले ने बादशाह अकबर से कहा की आप ने बीरबल को बहुत सर पर चड़ा  रखा है ,आपने  उसको ही क्यों राज-पाट का सारा जिम्मा सोप रखा है , राज दरबार में और भी ऐसे कई लोग मौजूद है जो बीरबल से ज्यादा होशियार और काबिल है , साला होने की वजह से बादशाह उसको कुछ  नहीं कह पाए परन्तु बादशाह ने दरबार में मौजूद  सभी लोगो से पूछा की बताओ किस किस को लगता है की वो बीरबल से जयादा समझदार है?…. 



किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। ।लेकिन बादशाह को लगा की साले को शांत करना भी  जरुरी है क्योकि वो साला है। ….  सारी  दुनिया एक तरफ और जोरू का भी एक तरफ ,…. बादशाह ने साले  से कहा की तुम्हे  क्या लगता है की मैं ऐसे ही बीरबल को होशियार,चालाक और काबिल समझता हूँ। …

अगर तुम्हे लगता है की तुम होशियार और समझदार हो तो साबित करो, अगर साबित कर दिया तो कल से इस राज्य के मंत्री तुम। … साला – तो बताओ मुझे साबित करने  के लिए क्या करना होगा ?  बादशाह ने कहा ये कोयले का बोरा  है और इसको तुम्हे एक लाख सोने  की  मोहर  में बेचना है और जिसे बेचो उससे लिखवा कर भी लाना की कोयले के बदले एक लाख मोहरे  दी है ….. 



ये सुन, साला बोला  बादशाह ये तो कोयला है, ये भला इतने में कौन खरीदेगा वो भी सिर्फ एक बोरा!… बादशाह बोले तो मान लो तुम काबिल और होशियार नहीं हो। परन्तु उसको तो अपने आप को बीरबल से ज्यादा होशियार साबित करना था  ।… उसने  कोयले का बोरा लिया और बाज़ार में जाकर बेचने लगा।  …. काफी कोशिशो  के बाद , जब वह बेच नहीं पाया तो बादशाह के पास आकर बोला  की इस कोयले को एक लाख सोने की मोहर में अगर मैं नहीं बेच पाया हूँ तो दुनिया का कोई  भी इन्सान नहीं बेच सकता ,फिर चाहे वह बीरबल ही  क्यों न हो। …

ये सुन बादशाह ने बीरबल को बुलाया और  कहा की ये कोयले का बोरा  है जो तुम्हे बेच कर हमे एक लाख सोने की मोहरे ला कर देना है…। बीरबल बोला की बादशाह ये बोरा तो बहुत कीमती है, इस कोयले के तो कई ज्यादा सोने की मोहर मिल जाएगी और आप सिर्फ एक लाख सोने की मोहर ही लाने की  मांग कर  रहे है। । बीरबल ने कोयले के बोरे  से एक टुकड़ा उठाया और कहा –  अगर आपको एक लाख मोहर ही  चाहिए तो ये एक टुकड़ा ही  काफी है…और वो उस टुकड़े को ले कर चला गया। …जब शाम को बीरबल दरबार में वापस पंहुचा तो उसके हाथ में एक लाख सोने की मोहरे और जिसे बेचा, उसका लिखा हुवा कागज था जिसमे लिखा था की मैंने इस कोयले के बदले एक लाख सोने की मोहर दी है ,बीरबल ने वो ख़त और मोहर बादशाह को दी ,….. 



बादशाह ने अपने साले से कहा की देखा मैंने बीरबल को क्यों मंत्री बनाया है। …इतना सुन साला वहा  से चला गया। …परन्तु बादशाह ये जानना चाहते थे की आखिर एक टुकड़े के बदले एक लाख सोने की मोहर कैसे मिली। …बादशाह ने बीरबल से पूछा की आखिर तुमने इसे बेचा कैसे ? बीरबल बोल – मैंने उस कोयले के टुकड़े को पिस कर पहले सुरमा बनाया और उस सुरमे को लेकर मैं अपने पडोसी राज्य के राजा के पास गया… 



राजा अपने सभी दरबारियों के साथ  दरबार में बेठे थे … उनसे मैंने उस सुरमे की खासियत बताई की ये सुरमा जो भी अपनी आखों में लगता है उसको अपनी सात पुस्ते दिखाई देने लगती है  …य़े सुनकर  राजा को यकीं नहीं हुवा  तो महाराज ने कहा की मुझे लगाओ मैं देखना चाहता हूँ की तुम सही कह रहे हो या नहीं।  तभी मैंने उनसे कहा की महाराज ये सुरमा बड़ा महंगा है इसको एक बार लगाने के ही एक लाख सोने की मोहर लगती है।  तो महाराज बोले की ठीक है अगर तुम्हारी बात सही है तो हम एक लाख मोहर देंगे। …और अगर गलत हुई तो फासी। … 



तभी मैंने उनसे कहा की ठीक है महाराज, पर इस सुरमे की एक खासियत है की इसको लगाने के बाद उसी को अपनी सात पुस्ते दिखेगी  जो की एक बाप का होगा , और अगर वो दो  बाप का है तो उसको नहीं दिखेगी।  बस  फिर क्या था वो तैयार हो गए और मैंने उनको सुरमा लगा दिया। …और पूछा  की महाराज, क्या आपको सात पुसते दिखाई दे  रही है?  फिर क्या था महाराज ने हां  ही  कहा। ….  पुरे  दरबार के सामने मना तो कर नहीं सकते थे। …. उन्होंने लिख कर भी दे दिया और मोहरे भी दे दी
सन्देश –  वाकई अगर कोई  बेचने पर आये तो कोयला भी लाखो में बेच सकता है , बस बेचने वाले में बेचने की कला होनी चाहिए मैं भी यही मानता  हूँ की हर चीज़ बिक सकती है बस  आपकी बेचने की चाहत , ना  खरीदने  की चाहत से ज्यादा  होनी चाहिए। 

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MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI बन्दर तो पहले से ही है ?….. BY DEVARTN AGRAWAL


MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI बन्दर तो पहले से ही है

?….. BY DEVARTN AGRAWAL




जंगल में एक नदी थी और नदी में ही एक पेड़ था, एक बार दो बन्दर उस पेड़ पर बेठे थे तभी आसमान  से अचानक आवाज आई कि…. 
जो बन्दर, ” नदी के पानी में कूद जायेगा वो वो इन्सान बनकर बहार  निकलेगा ”  तभी एक बन्दर ने,- न सोचा न समझा और छलांग लगा दी। । जब  वह बन्दर पानी से बहार निकला तो दुसरे  बन्दर ने पूछा की यार ये  बता तूने विश्वास कैसे कर लिया की जो भी, जिसने भी कहा वो सच कह रहा है तभी वो कूदने वाला बन्दर बोला की  मैंने सुना और कूद गया। .. 



अब इसमें विश्वास करने की कौनसी बात है…… अरे भाई  किसी ने कहा की  पानी में कूद जाओगे  तो इन्सान बन जाओगे ,मैं तो इसलिए कूदा  की हो सकता  है की कोई सच  कह रहा हो और मैं इन्सान बन जाऊं वर्ना मेरा क्या गया बन्दर तो पहले से ही था

सन्देश – शायद आप लोगो को यकीं हो या ना हो पर बन्दर तो हम पहले से ही है , जो किसी न किसी के इशारों पर नाचते रहते है और अगर ऐसे में हमे आज़ादी का मोका मिलता है तो हम विश्वास  नहीं करते  की ऐसा भी हो सकता है।  याद रहे की विश्वास सिर्फ अपने आप पर रखो की जहा भी कूदोगे वहा  से इन्सान बन कर निकलोगे। …… 
जहा भी  मोका मिले और दिल कहे  कूद जाओ  सिर्फ ये सोच कर की बन्दर तो पहले से ही  हूँ  कोई मेरा क्या बिगड़ लेगा पर  कूदने से ये हो सकता है की मैं इन्सान बन कर निकलूं



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MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI क्या हमारी खिड़की भी गन्दी है ?….. BY Devartn Agrawal


MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI क्या हमारी खिड़की भी गन्दी है ?….. BY Devartn Agrawal






एक बार की बात है , एक नौविवाहित जोड़ा किसी किराए के घर में रहने पहुंचा . अगली सुबह , जब वे नाश्ता कर रहे थे , तभी पत्नी ने खिड़की से देखा कि सामने वाली छत पर कुछ कपड़े फैले हैं , –

 “ लगता है इन लोगों को कपड़े साफ़ करना भी नहीं आता …ज़रा देखो तो कितने मैले लग रहे हैं ? “पति ने उसकी बात सुनी पर अधिक ध्यान नहीं दिया .एक -दो दिन बाद फिर उसी जगह कुछ कपड़े फैले थे . पत्नी ने उन्हें देखते ही अपनी बात दोहरा दी ….” कब सीखेंगे ये लोग की कपड़े कैसे साफ़ करते हैं …


!!”पति सुनता रहा पर इस बार भी उसने कुछ नहीं कहा .पर अब तो ये आये दिन की बात हो गयी , जब भी पत्नी कपडे फैले देखती भला -बुरा कहना शुरू हो जाती .लगभग एक महीने बाद वे यूँहीं बैठ कर नाश्ता कर रहे थे . पत्नी ने हमेशा की तरह नजरें उठायीं और सामने वाली छत की तरफ देखा , ” अरे वाह , लगता है इन्हें अकल आ ही गयी …

आज तो कपडे बिलकुल साफ़ दिख रहे हैं , ज़रूर किसी ने टोका होगा !”पति बोल , ” नहीं उन्हें किसी ने नहीं टोका .”” तुम्हे कैसे पता ?” , पत्नी ने आश्चर्य से पूछा .” आज मैं सुबह जल्दी उठ गया था औरमैंने इस खिड़की पर लगे कांच को बाहर से साफ़ कर दिया , इसलिए तुम्हे कपडे साफ़ नज़र आ रहे हैं . 

span style="background-color: white; color: #141412; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif; font-size: 14px; text-align: justify;">

“, पति ने बात पूरी की .ज़िन्दगी में भी यही बात लागू होती है : बहुत बार हम दूसरों को कैसे देखते हैं ये इस पर निर्भर करता है की हम खुद अन्दर से कितने साफ़ हैं . किसी के बारे में भला-बुरा कहने से पहले अपनी मनोस्थिति देख लेनी चाहिए और खुद से पूछना चाहिए की क्या हम सामने वाले में कुछ बेहतर देखने के लिए तैयार हैं या अभी भी हमारी खिड़की गन्दी है !







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MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI चाय में मक्खी है….. BY Devartn Agrawal



MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI चाय में मक्खी है….. BY Devartn Agrawal




एक व्यक्ति अपने दोस्त के यहाँ मिलने जाता है ,…दोनो एक कमरे में बेठ, आपस में बाते कर रहे थे इतने में दोस्त पूछता है की क्या लोगे ? ……चाय चलेगी ?…, हां चलेगी। …थोड़ी ही देर में दोनों के लिए चाय आती है दोनों चाय का कप उठाते है,…. 

वह व्यक्ति भी जैसे ही चाय पिने लगता है उसका ध्यान अपने चाय के कप के अन्दर जाता है और बिना कुछ कहे उठता है और चाय को खिड़की के बहार फेक देता है,…. दोस्त – क्या हुवा ? कुछ नहीं यार चाय में मक्खी थी। ……, कोई बात नहीं मैं दूसरी मंगवा देता हूँ ,…।


 थोड़ी ही देर में उसके लिए दूसरी चाय आती है। इस बार भी वही होता है। … वह चाय को जैसे ही पिने लगता है फिर से उसका ध्यान कप में जाता है और बिना कुछ कहे, उठता है और चाय को खिड़की से बहार फेक देता है… दोस्त – क्या हुवा यार फिर से कुछ था क्या ? हां यार मक्खी थी। कोई बात नहीं मैं और दूसरी बनवा देता हूँ। …


.इस बार वह दोस्त अपनी बीवी को चिल्लाया की क्या है ,देख कर चाय नहीं बना सकती, चाय में दो बार मक्खी गिर चुकी है, कम से कम मेहमानों को चाय तो देख कर दिया करो। …… 


तीसरी बार चाय बन कर आती है। … इस बार भी वही होता है वह व्यक्ति चाय का कप उठता है और जैसे ही पिने जाता है की उसकी निगाह फिर कप के अन्दर जाती है और बिना कुछ कहे खड़ा होता है परन्तु चाय को जैसे ही फेकने के लिए जाता है उसका दोस्त उसे रोक देता है – रुक- रुक क्या हुवा ? क्या फिर से मक्खी आ गई ? वो कहता है – हां , मक्खी गिरी है , दोस्त कहता है- बता , वह जैसे ही कप के अन्दर देखता है तो उसको कोई मक्खी दिखाई नहीं देती! क्या यार कहा है मक्खी ? 


… इतना कहते हुए उसका ध्यान उस दोस्त की आखों पर लगे उस चश्मे पर जाता है।” वह देखता है की उसके चश्मे पर मक्खी बेठी है” … अबे यार बेकार में ही इतनी देर से चाय को फेके जा रहा है ” मक्खी, चाय में नहीं तेरे चश्मे पर है”
सन्देश- ” एक खता मैं ता उम्र करता रहा , धुल चेहरे पर लगी थी और मैं आईना साफ़ करता रहा “
हम लोगो में से कई ऐसे है जो कभी कहते है की वह काम अच्छा नहीं , वह दोस्त अच्छा नहीं। हमेशा उनको दुसरो में ही कमिया दिखाई देती है काश की वो एक बार अपने अन्दर झांक लेते। …


य़ाद रखो की व्यक्ति को दुसरे काम या दुसरे व्यक्ति में कमी निकलने से पहले खुद को देखना चाहिए , हो सकता है की खुद के अन्दर देखने से दुसरो में कमी नहीं, खूबी दिखाई दे और आपने अन्दर कमी दिखाई दे जिसको दूर कर, हम एक सफल इन्सान बन सके

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MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI आपके अंदर आग होनी चाहिए BY Devratn Agrawal


MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI आपके अंदर आग होनी चाहिए BY Devratn Agrawal




दोस्तों आज मैं आपको एक ऐसी बात बताने जा रहा हूँ जिसे अगर आपने, अपना लिया तो निश्चित ही आपकी जिंदगी में भी वह सब कुछ होगा जो मेरी जिंदगी में है। आप भी वह सब पा सकोगे जो मैंने पाया है। आइये देखे   ऐसी कौन सी बात है जिसे मैं इतना महत्त्व दे रहा हूँ।






 वो है ” आग ” हां आग… आग- जिंदगी में कुछ कर गुजरने की , आग- दुनिया में आपने आपको साबित करने की , आग – वो सब कुछ पाने कि जो हम पाना चाहते है , वही आग – जो मेरे अंदर है और उन लोगो के अंदर है जिन्होंने कामियाबी पाई है। मेरा मानना है कि” शांत आदमी मुर्दे के सामान होता है और मुर्दा कितना भी खूबसूरत क्यों न हो उसके पास कोई भी ज्यादा देर बेठ नहीं सकता ” आप जब तक अपने जीवन में आग पैदा नहीं करोगे तब तक कामियाबी मिलना बहुत दूर कि बात है।




 याद रखो कि जिस तरह रॉकेट के पीछे आग लगते ही वह ऊचाइयों को, आसानी से छू लेता है ……उसी प्रकार जब तक आप के अंदर वह आग नहीं होगी तब तक आपके ऊचाइयों पर पहुचने के सपने , सिर्फ सपने ही रहेंगे हक़ीक़त नहीं बन पाएंगे। अगर एक बार आप के अंदर ये आग लग गई तो आपकी सारी परेशानिया और मुसीबते इसमें जल कर खाख हो जाएगी।





आप सोच रहे होंगे की ये आग कैसे जलेगी ?, कैसे लगेगी अंदर ये आग ? बहुत ही आसान है। मेरे अंदर ये आग मैं ऐसे जलाता हूँ। मैं हमेशा अपने से ज्यादा कामियाब इंसानो से मिलता हूँ और उनकी जिंदगी को करीब से जानने कि कोशिश करता हूँ और मुझे कुछ ही देर में समझ आ जाता है कि जिंदगी इतनी अच्छी भी हो सकती है। मैं घर आकर उसके पास की  हर वो चीज़ को ध्यान में लाता हूँ जो मेरे पास नहीं है। जैसे की कार, घड़ी, मोबाइल, घर, पेन, चश्मा, हर वो चीज़ जो लोगो का पाने का सपना होता है। मैं सोचता हूँ कि दुनिया में एक से एक कार लोगो के घरो में है ,


 क्या ये कार कंपनी ने मेरे लिए नहीं बनाई है ? क्या ये नोट ,ये दौलत मेरे घर में आने से मना  कर देगी ? तभी मेरे दिल से चीख निकलती है कि नहीं ही ही ही ही ही, और अंदर एक आग सी जलने लगती है ,और  मैं लग जाता हूँ वो सब पाने के लिए, जो मैं पाना चाहता हूँ। मैं अक्सर कहता हूँ दोस्तों कि average   इंसान होना एक खतरनाक बीमारी है। जरा सोचो कि जितनी  भी हमारी जिंदगी में मुसीबते आती है ,उसके जिम्मेदार हालात नहीं हम खुद है क्योकि हमारे अंदर वो आग ही नहीं जली, जो इन्हे जलाकर खाख  कर दे। 





अगर आप जीवन से उबरना चाहते हो तो किसी भी अवसर को ना गवाये। अपनी इच्छाओ , अपनी चाहतो और अपने सपनो को चुनो। शांत होकर सहने कि बजाय , खड़े होकर इस दुनिया से लड़ जाओ और कह दो चिल्ला- चिल्ला कर कि मेरे लिए भी हर वो चीज़ बनी है जो इस दुनिया में मौजूद है।



मुझे दुष्यंत कुमार की कविता याद आती है –


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हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए
आज यह दीवार  , पर्दो कि तरह हिलने लगी
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए
हर सड़क पर , हर गली में , हर नगर में , हर गाँव में
हाथ लहराते हुए , हर लाश चलनी चाहिए
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं
सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए
मेरे सीने में नहीं , तो तेरे सीने में ही सही
हो कही भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए





दोस्तों अपने अंदर कि आग को जलाते रहने के लिए और इसके तपन का एहसास करते रहने के लिए आपको Motivational Books पढ़ते रहना चाहिए  , Motivational CD और  DVD देखते और सुनते रहना चाहिए , और हो सके तोne  Motivational seminars और Training  में शामिल होना चाहिए ,तभी बनी रहती है ये आग ,ये बुझ ही नहीं सकती क्यों कि बुझने तो तुम दोगे नहीं  और ये आग आपको याद दिलाती रहेगी कि रुक क्यों गए, आगे बढ़ो क्योकि अभी मंजिल तुमने पाई नहीं है।

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