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Motivational Short Story

MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI चाय में मक्खी है….. BY Devartn Agrawal



MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI चाय में मक्खी है….. BY Devartn Agrawal




एक व्यक्ति अपने दोस्त के यहाँ मिलने जाता है ,…दोनो एक कमरे में बेठ, आपस में बाते कर रहे थे इतने में दोस्त पूछता है की क्या लोगे ? ……चाय चलेगी ?…, हां चलेगी। …थोड़ी ही देर में दोनों के लिए चाय आती है दोनों चाय का कप उठाते है,…. 

वह व्यक्ति भी जैसे ही चाय पिने लगता है उसका ध्यान अपने चाय के कप के अन्दर जाता है और बिना कुछ कहे उठता है और चाय को खिड़की के बहार फेक देता है,…. दोस्त – क्या हुवा ? कुछ नहीं यार चाय में मक्खी थी। ……, कोई बात नहीं मैं दूसरी मंगवा देता हूँ ,…।


 थोड़ी ही देर में उसके लिए दूसरी चाय आती है। इस बार भी वही होता है। … वह चाय को जैसे ही पिने लगता है फिर से उसका ध्यान कप में जाता है और बिना कुछ कहे, उठता है और चाय को खिड़की से बहार फेक देता है… दोस्त – क्या हुवा यार फिर से कुछ था क्या ? हां यार मक्खी थी। कोई बात नहीं मैं और दूसरी बनवा देता हूँ। …


.इस बार वह दोस्त अपनी बीवी को चिल्लाया की क्या है ,देख कर चाय नहीं बना सकती, चाय में दो बार मक्खी गिर चुकी है, कम से कम मेहमानों को चाय तो देख कर दिया करो। …… 


तीसरी बार चाय बन कर आती है। … इस बार भी वही होता है वह व्यक्ति चाय का कप उठता है और जैसे ही पिने जाता है की उसकी निगाह फिर कप के अन्दर जाती है और बिना कुछ कहे खड़ा होता है परन्तु चाय को जैसे ही फेकने के लिए जाता है उसका दोस्त उसे रोक देता है – रुक- रुक क्या हुवा ? क्या फिर से मक्खी आ गई ? वो कहता है – हां , मक्खी गिरी है , दोस्त कहता है- बता , वह जैसे ही कप के अन्दर देखता है तो उसको कोई मक्खी दिखाई नहीं देती! क्या यार कहा है मक्खी ? 


… इतना कहते हुए उसका ध्यान उस दोस्त की आखों पर लगे उस चश्मे पर जाता है।” वह देखता है की उसके चश्मे पर मक्खी बेठी है” … अबे यार बेकार में ही इतनी देर से चाय को फेके जा रहा है ” मक्खी, चाय में नहीं तेरे चश्मे पर है”
सन्देश- ” एक खता मैं ता उम्र करता रहा , धुल चेहरे पर लगी थी और मैं आईना साफ़ करता रहा “
हम लोगो में से कई ऐसे है जो कभी कहते है की वह काम अच्छा नहीं , वह दोस्त अच्छा नहीं। हमेशा उनको दुसरो में ही कमिया दिखाई देती है काश की वो एक बार अपने अन्दर झांक लेते। …


य़ाद रखो की व्यक्ति को दुसरे काम या दुसरे व्यक्ति में कमी निकलने से पहले खुद को देखना चाहिए , हो सकता है की खुद के अन्दर देखने से दुसरो में कमी नहीं, खूबी दिखाई दे और आपने अन्दर कमी दिखाई दे जिसको दूर कर, हम एक सफल इन्सान बन सके

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