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Motivational Short Story

Motivational Story#97 मैं सब जनता हूँइतना सोचे की अगर आता हैऔरजानता हूँ तो फिर करता क्यों नहीं हूँ






Motivational Story#97 मैं सब जनता हूँइतना सोचे की अगर आता हैऔरजानता हूँ तो फिर करता क्यों नहीं हूँ










div style="text-align: left;"> एक गुरु के पास एक व्यक्ति आया और कहने लगा गुरु जी  मुझे आपसे कुछ नयी बाते सीखनी है। गुरूजी ने कहा – कुछ नयी बातो का मतलब ? उसने कहा गुरूजी लगातार अध्यन से मैं संसार का ज्यादातर ज्ञान ले चूका हूँ।  फिर मैंने सोचा , चलकर आप से भी कुछ ज्ञान ले लेता हूँ। यदि कुछ नया  होगा तो याद रखूँगा। 

गुरूजी ने दो खाली कप और  चाय की केतली मँगवाई। पहले खुद के कप में चाय डाली फिर उस व्यक्ति के कप में चाय डालना शुरू की।  गुरूजी चाय डालते गए , उसका कप भर गया और चाय बहार गिरने लगी। उसने कहा गुरुजी कप भर गया , चाय बहार गिर रही है। 




गुरूजी ने कहा – जिस तरह इस भरे कप में चाय डालने से बहार गिर रही है , अब यह कप और चाय नहीं ले सकता।  ठीक इसी तरह मैं तुम्हारे भरे दिमाग में और ज्ञान कहा से डाल सकता हूँ।  यदि ज्ञान चाहते हो तो पहले अपना दिमाग खली कर आओ।





दोस्तों अगर आप भी जीवन में कुछ पाना चाहते हो तो अज्ञानी बन जाइए और ज्ञान को भीतर आने दीजिये।  मैं जनता हूँ की ये दुनिया ज्ञानियो से भरी पड़ी है और कुछ ज्ञानी ऐसे भी है जो सुब कुछ जानते है लेकिन कुछ भी जीवन में नहीं उतारते।  कुछ ज्ञानी ऐसे है जो कुछ नहीं जानते लेकिन दिखावा ऐसा करते है



 जैसे सब कुछ जानते हो।  अक्सर दिखावा और अहंकार लोगो को ज्ञान की बाते सिखने नहीं देता। इनसब से पर होकर सिर्फ अपना भला सोचो, और जितना हो सके सिखने और जानने की कोशिश करो।  याद रखो कि कभी  भी यह न सोचे की मुझे सब आता है या मैं सब जनता हूँ।  बस इतना सोचे की अगर आता है और जानता हूँ तो फिर करता क्यों नहीं हूँ।



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