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Motivational Short Story

MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI क्या हमारी खिड़की भी गन्दी है ?….. BY Devartn Agrawal


MOTIVATIONAL STORIES AND INSPIRATIONAL STORIES IN HINDI क्या हमारी खिड़की भी गन्दी है ?….. BY Devartn Agrawal






एक बार की बात है , एक नौविवाहित जोड़ा किसी किराए के घर में रहने पहुंचा . अगली सुबह , जब वे नाश्ता कर रहे थे , तभी पत्नी ने खिड़की से देखा कि सामने वाली छत पर कुछ कपड़े फैले हैं , –

 “ लगता है इन लोगों को कपड़े साफ़ करना भी नहीं आता …ज़रा देखो तो कितने मैले लग रहे हैं ? “पति ने उसकी बात सुनी पर अधिक ध्यान नहीं दिया .एक -दो दिन बाद फिर उसी जगह कुछ कपड़े फैले थे . पत्नी ने उन्हें देखते ही अपनी बात दोहरा दी ….” कब सीखेंगे ये लोग की कपड़े कैसे साफ़ करते हैं …


!!”पति सुनता रहा पर इस बार भी उसने कुछ नहीं कहा .पर अब तो ये आये दिन की बात हो गयी , जब भी पत्नी कपडे फैले देखती भला -बुरा कहना शुरू हो जाती .लगभग एक महीने बाद वे यूँहीं बैठ कर नाश्ता कर रहे थे . पत्नी ने हमेशा की तरह नजरें उठायीं और सामने वाली छत की तरफ देखा , ” अरे वाह , लगता है इन्हें अकल आ ही गयी …

आज तो कपडे बिलकुल साफ़ दिख रहे हैं , ज़रूर किसी ने टोका होगा !”पति बोल , ” नहीं उन्हें किसी ने नहीं टोका .”” तुम्हे कैसे पता ?” , पत्नी ने आश्चर्य से पूछा .” आज मैं सुबह जल्दी उठ गया था औरमैंने इस खिड़की पर लगे कांच को बाहर से साफ़ कर दिया , इसलिए तुम्हे कपडे साफ़ नज़र आ रहे हैं . 

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“, पति ने बात पूरी की .ज़िन्दगी में भी यही बात लागू होती है : बहुत बार हम दूसरों को कैसे देखते हैं ये इस पर निर्भर करता है की हम खुद अन्दर से कितने साफ़ हैं . किसी के बारे में भला-बुरा कहने से पहले अपनी मनोस्थिति देख लेनी चाहिए और खुद से पूछना चाहिए की क्या हम सामने वाले में कुछ बेहतर देखने के लिए तैयार हैं या अभी भी हमारी खिड़की गन्दी है !







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