Blogroll

Motivational Short Story

सिकंदर महान की कहानी – Motivational Story Of Alexander The Great



सिकंदर महान की कहानी – Motivational Story Of Alexander The Great








नमस्कार दोस्तों, मुझे उम्मीद है कि आप सभी अच्छे होंगे। दोस्तों हर इंसान के पास कुछ न कुछ गुण होते है। लेकिन कुछ इंसान ऐसे भी होते है। जो अपने उन गुणों पर घमंड करने लगते है। क्या आपको नहीं लगता हमें हमारे गुणों की अच्छी समझ होना बहुत ही जरुरी है। ये ही बात आपको अच्छे तरिके से समझाने के लिए मैं आपको एक Motivational Story सुनाता हूँ। सिकंदर महान की कहानी – Motivational Story of Alexander the Great


आप सभी ने सिकंदर के बारे में तो सुना ही होगा। सिकंदर जब भारत आया तो उसे एक महात्मा के बारे में पता चला। उसने उस महात्मा से मिलने की सोची। एक दिन सिकंदर उससे मिलने उसके आश्रम चला गया। सिकंदर को अपनी ओर आता देख वह महात्मा जोर जोर से हँसने लगा। यह देखकर सिकंदर मन ही मन में सोचने लगा की यह तो मेरा बहुत ही बड़ा अपमान है।

उसने उस महात्मा से कहा – तुम अपनी मौत को बुलावा दे रहे हो। क्या तुम नहीं जानते की तुम किस पर हँस रहे हो। अगर तुम नहीं जानते हो तो मैं तुम्हे बता दू की मैं वही सिकंदर महान हूँ। जिसने पूरी दुनियाँ को जीत लिया है। यह सुनते ही वह महात्मा ओर भी जोर जोर से हँसने लगा। कुछ समय बाद उसने सिकंदर से कहा – मुझे तो तुम्हारे अंदर कोई महानता नजर नहीं आती।

मुझे तो तुम बड़े ही दीन और दरिद्र दिखाई पड़ते हो। सिकंदर ने उससे कहा – तुम्हे दिखाई नहीं देता की मैंने पूरी दुनिया जीत ली है। यह सुनकर महात्मा ने कहा – तुम कल भी साधारण थे। आज भी साधारण हो और हमेशा साधारण ही रहोगें। अगर अब भी तुम अपने आप को महान कहते हो तो तुम मेरे एक सवाल का जवाब दो।

अगर किसी दिन तुम एक रेगिस्तान में फँस गये, और तुम्हे जोरो से प्यास लगी हो। तुम्हे दूर दूर तक कहि भी हरियाली दिखाई न दे और न ही तुम्हें पीने के लिए पानी मिले। ऐसी अवस्था में तुम एक गिलास पानी के लिए अपने राज्य में से क्या दे सकते हो। सिकंदर ने कुछ देर के लिए सोचा और उसके बाद उस महात्मा से कहा – मैं एक गिलास पानी के लिए अपना आधा राज्य दे दूँगा।
यह सुनकर वह महात्मा बोला – अगर मैं आधे राज्य के लिए न मानु तो तुम क्या करोंगे। यह सुनकर सिकंदर ने उस महात्मा से कहा – इतनी बुरी हालत में मैं अपना पूरा राज्य दे दूँगा। सिकंदर के ये बात सुनकर वह महात्मा फिर से हँसने लगा।

कुछ देर बाद उसने सिकंदर से कहा – तुम बेकार में ही इस राज्य पर घमंड कर रहे हो क्योकि तुम्हारे इस राज्य की कुल कीमत एक गिलास पानी है। हे सिकंदर महान मेरी बात को ध्यान से सुनो अगर वक्त के समय जाल ने तुम्हे जकड लिया तो एक गिलास पानी के लिए भी तुम्हारा राज्य छोटा पड़ जायेगा।

दोस्तों इस Motivational Story से मैं आपको ये समझाना चाहता हूँ। की आप अपने जिस गुण पर घमंड कर रहे है। बुरा वक्त आने पर आपका वो गुण किसी भी काम नहीं आएगा। इसलिए कभी भी घमंड के नशे में चूर मत रहो। आप सभी ने महारथी कर्ण का नाम तो सूना ही होगा। ऐसा कहा जाता है की महारथी कर्ण को अपनी विद्या और सामर्थ्य पर बहुत ही घमंड था। लेकिन जिस वक्त उन्हें अपनी विद्या की सबसे ज्यादा जरुरत थी। उसी वक्त वे अपनी सारी विद्या भूल गये थे। अब फैसला आपको करना है। सिकंदर महान की कहानी – Motivational Story of Alexander the Grea

No comments:

Post a Comment

Popular Posts

copyright © . all rights reserved. designed by Smart Telecom

grid layout coding by smart.com